रिपोर्ट : सुबोध कुमार गुप्ता
हजारीबाग। हजारीबाग की सड़कों पर हजारों की संख्या में छात्रों ने राज्य सरकार की पात्रता नीति-2021 का विरोध किया और नई वरीयता नीति की मांग की। जिम्मेदारों ने कोलंबा कॉलेज से जाम लगाकर पूरे शहर की सैर की। यह लाइट्रिक डिस्टर्ब टर्निंग चौक होने के बाद सेंट कोलंबा कॉलेज तक पहुंचने वाला झंडा चौक हो गया। इस दौरान राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई।
प्रदर्शन में शामिल छात्र अर्जुन शंकर ने कहा कि झारखंड सरकार के पास स्पष्ट नीति नहीं है। इस कारण से बहाली को निकाले जाने के बाद जब छात्र फॉर्म भरते हैं, तो नियुक्ति प्राप्त नहीं होती है। स्पष्ट शैक्षणिक नीति न होने की वजह से न्यायालय की बहाली को ही रद्द कर देता है। यहां छात्रों को केवल छला जा रहा है। वहीं, पिछले भाग्य कुमारी कहते हैं कि वर्ष 2015 से कॉम्पटिशन एग्जाम की तैयारी में जुटी हैं। लेकिन राज्य सरकार की बहाली नहीं हो रही है। यदि बहाली की घोषणा भी होती है तो उसे न्यायालय द्वारा स्थगित कर दिया जाता है। इस बार कोर्ट ने पीजीटी शिक्षक पात्रता परीक्षा को रद्द कर दिया है क्योंकि राज्य सरकार की पात्रता को उच्च न्यायालय द्वारा निर्णय लिया गया है।
हाइकोर्ट में संबद्ध नीतियाँ
बता दें कि झारखंड हाइकोर्ट ने हाल ही में ‘झारखंड कर्मचारी चयन आयोग स्नातक आयोग परीक्षा संशोधन संचालन नियमावली-2021’ को असंवैधानिक करार देते हुए करार दिया था। कोर्ट ने कहा कि यह भारतीय संविधान के लेखा-जोखा-14 व 16 के नियमावली का उल्लंघन है। न्यायालय ने इसे रद्द करने के साथ-साथ इस नियम के अनुसार सभी नियुक्तियों और चल रही नियुक्ति प्रक्रिया को भी रद्द करने का निर्णय सुना है। वहीं, सीएम हेमंत सोरेन ने हाइकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है.
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प्रथम प्रकाशित : 19 दिसंबर, 2022, 20:11 IST